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    जोधपुर: नकल में पकड़ा तो RSS के नाम से धमकाया:पड़ोसी को धमकाने में पकड़ा तो 10 महीने बाद खुला मामला, जोधपुर में एग्जामिनर से मारपीट की थी

    2 months ago

    जोधपुर में करीब 9 महीने पहले परीक्षा में नकल करते हुए पकड़ा गया आरोपी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाम पर प्रदेश में कई अधिकारियों और पुलिस अफसरों को फोन कर अपने काम करवा रहा था। उसने ट्रू-कॉलर सहित व्हॉट्सऐप पर भारती भवन संघ कार्यालय जयपुर के नाम से रजिस्टर करवा रखा था। आरोपी पुलिस को फोन कर अपने काम करने के लिए कहता। साथ ही लोगों को भी धौंस दिखाकर उन्हें डराता था। आरोपी पुलिस अफसरों को फोन कर कहता- ॐ नमस्कार।। मैं भारती भवन जयपुर से बोल रहा हूं, ये काम कर देना। मैं अभी बैठक में जा रहा हूं, तब तक वापस कॉल मत करना। इस तरह से बात कर संबंधित अधिकारी को महेंद्र चौधरी किसी मामले में कार्रवाई नहीं करने को लेकर निर्देश देता। पहले जानें आरोपी की कुंडली और मोबाइल सिम की सच्चाई जोधपुर के रहने वाले शातिर महेंद्र चौधरी (24) को मंगनीराम बांगड़ मेमोरियल (MBM) यूनिवर्सिटी में परीक्षा के दौरान जनवरी 2025 को नकल करते हुए पकड़ा गया था। मैकेनिकल इंजीनियरिंग की परीक्षा में महेंद्र चौधरी ने एग्जामिनर और कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के HOD से मारपीट की थी। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। आरोप है कि उसने एग्जामिनर को थप्पड़ मार दिया था। वहीं यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के HOD को लात मारी और मुंह पर मुक्का मारा था। मामले में एमबीएम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अमित मीणा और HOD श्रवण मेघवाल ने आरोपी महेंद्र चौधरी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद कुलपति डॉ अजय शर्मा ने महेंद्र चौधरी को निलंबित कर दिया था। बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। वहीं करीब एक साल पहले महेंद्र चौधरी ने अपने भाई के नाम से नई सिम खरीदी। ट्रू-कॉलर और व्हॉट्सऐप पर उसने भारती भवन संघ कार्यालय जयपुर के नाम से रजिस्ट्रेशन किया। इसके बाद इसी नंबर से अलग-अलग कार्यालयों के अधिकारियों को मैसेज कर अपने काम निकलवाता। यों हुआ खुलासा मंडोर निवासी मुकेश ढाका ने 27 सितंबर को मंडोर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि वह 27 सितंबर को सुबह 9 बजे परिवार के साथ घर पर बैठा था। उसी समय महेंद्र चौधरी कार से उनके घर के सामने से जाते हुए अपशब्द बोल रहा था और गाली-गलौज कर रहा था। मैंने उसे रोककर समझाया तो उसने घर के सामने गाड़ी खड़ी कर गालियां दी। साथ ही आरोपी महेंद्र चौधरी ने मुकेश के पिता के साथ भी दुर्व्यवहार किया। बंदूक से गोली मारने की धमकी देने का भी आरोप मुकेश ढाका ने FIR में यह जिक्र भी किया है कि 21 मार्च को भी महेंद्र चौधरी ने उनके पिता को पड़ोसियों के सामने धमकाया और बंदूक से गोली मारने की धमकी दी। मामले में पीड़ित की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। जब पुलिस महेंद्र चौधरी को थाने लेकर आई तो यहां भी उसने संघ के फर्जी नाम का इस्तेमाल करते हुए CI को व्हाट्सऐप पर कॉल कर मामले में कार्रवाई नहीं करने को कहा। पुलिसकर्मी को धमकाते हुए उसे देख लेने की बात भी कह डाली। जबकि आरोपी खुद थाना परिसर में ही मौजूद था, लेकिन व्हाट्सऐप पर मैसेज और कॉल की वजह से उसने पुलिस अधिकारी को भी भ्रमित कर दिया। पुलिस ने यों कड़ी से कड़ी जोड़ी कई दिन बीत जाने के बाद पुलिस ने मामले की जांच जारी रखी। इसके कुछ दिन बाद इसी मामले की पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई तो कड़ी से कड़ी खुलती नजर आई। पुलिस ने 1 अक्टूबर को आरोपी महेंद्र को थाने में लाकर सख्ती से पूछताछ की। उसके मोबाइल की जांच की तो उसमें RSS कार्यालय के नाम से व्हाट्सऐप नंबर चालू मिला। इसी से वह अधिकारियों को धमकाता था। पुलिस ने जब उस मोबाइल नंबर की व्हाट्सऐप चैट पढ़ी तो पूरी पोल खुल गई। पुलिस ने इस सिम की जांच करवाई तो ये उसके भाई जगदीश निवासी रॉयल्टी नाका पुलिस थाना मंडोर के नाम पर मिली। जोधपुर के बड़े अधिकारी ने मोबाइल पर कहने से आरोपी के किए कई काम इधर, मामले के खुलने के बाद जोधपुर के एक बड़े अधिकारी को विश्वास नहीं हो रहा है। जिस नंबर से आरोपी के पास व्हाट्सएप नंबर मिला। इस नंबर से पुलिस के बड़े अधिकारी के पास कई बार किसी मामले में सिफारिश को लेकर कॉल और मैसेज किए गए थे। इस आधार पर उन्होंने काम भी कर दिए थे। वहीं अब फजीहत होने के चक्कर में वे अधिकारी भी खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। इतना ही नहीं कई थाना अधिकारियों को भी इसी तरीके से मैसेज भेज कर काम निकलवाए गए थे। हालांकि पुलिस अब जांच कर रही है कि महेंद्र चौधरी ने किन-किन लोगों को कॉल कर काम निकलवाए। आईएएस, आईपीएस से लेकर पुलिस निरीक्षक को किए फोन आरोपी महेंद्र चौधरी इतना शातिर है कि अब तक कई आईएएस, आईपीएस से लेकर पुलिस निरीक्षक को फोन करके काम करने के लिए कहता। इसके अलावा अलग-अलग विभागों के अधिकारियों को भी संघ कार्यालय के नाम पर अपने काम निकलवा चुका है। मंडोर के SHO किशनलाल विश्नोई बोले पूरे मामले को लेकर SHO मंडोर किशनलाल विश्नोई ने बताया कि मारपीट के एक मामले में आरोपी महेंद्र चौधरी को पकड़ा गया था। उसने फोन में RSS कार्यालय जयपुर के नाम से व्हाट्सऐप अकाउंट बना रखा था। पूछताछ में सामने आया कि उसने उसी नंबर से कई अधिकारियों को भी कॉल और मैसेज कर अपने काम निकलवाए थे। इसका खुलासा उसके फोन से हुआ। परीक्षा में नकल मामले में पुलिस की हुई थी किरकिरी मंगनीराम बांगड़ मेमोरियल यूनिवर्सिटी में परीक्षा में नकल करते हुए महेंद्र चौधरी के पकड़े जाने मामले में पुलिस पर सवाल उठे थे। इसमें जानकारी सामने आई थी कि संघ के किसी बड़े अधिकारी ने महेंद्र चौधरी के समर्थन में पुलिस को कॉल किया था। बाद में पुलिस जांच में सामने आया कि संघ के नाम से जो फोन किया गया था, आरोपी ने अपने ही फोन से व्हाट्सएप कॉल कर पुलिस के एक बड़े अधिकारी को कॉल कर उसे सिफारिश करवाई थी। इसमें पुलिस ने मामला दर्ज होने से पहले छात्र को कोर्ट में पेश कर दिया और जहां से उसे जमानत मिल गई थी। पुलिस से उसे समय तर्क दिया था कि छात्र का 4 बजे दूसरा पेपर था। वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बताया था कि छात्र का 4 बजे कोई पेपर नहीं था। पुलिस ने मामले में आरोपी को राजकार्य में बाधा के मुकदमे में गिरफ्तार करने के बजाय शांतिभंग की धाराओं में गिरफ्तार किया था। तो उसे जमानत मिल गई थी। इसके बाद कई प्रोफेसर ने विरोध भी जताया था और कुलपति खुद भी कमिश्नर से मिलने पहुंचे थे। यहां पढ़ें परीक्षा में नकल के बाद कैसे किया था हंगामा मामला जोधपुर के रातानाडा इलाके का सुबह 11:15 बजे का है। ASI रघुवीर सिंह ने बताया कि MBM यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अमित मीणा और HOD श्रवण राम मेघवाल ने ME फर्स्ट ईयर के छात्र महेंद्र चौधरी के खिलाफ रिपोर्ट दी है। पढ़ें पूरी खबर छात्र ने एग्जामिनर को थप्पड़ मारा, HOD के घूंसे मारे:एग्जाम हॉल में मोबाइल से नकल कर रहा था, पकड़ा गया तो मारपीट की
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